स्वामी राघवाचार्य के प्रवचन में हनुमन्नाटक के प्रसङ्ग के सन्दर्भानुसार रावण की अच्छाईयों पर निग्रहाचार्य की टिप्पणी का सामयिक औचित्य तथा अविवेकी प्रोफेसरों के द्वारा नकली धर्मगुरु खड़े करने एवं राजनैतिक हिन्दुओं की मूर्खता के विप्लवकारी परिणाम पर निग्रहाचार्य श्रीभागवतानंद गुरु का कथन।
Related Posts
माता शबरी भीलनी थी अथवा ब्राह्मणी ? क्या माता शबरी ने भगवान् श्रीराम को जूठे फल खिलाये थे ?
माता शबरी भीलनी थी अथवा ब्राह्मणी ? क्या माता शबरी ने भगवान् श्रीराम को जूठे फल खिलाये थे ? क्या…
त्रिदण्डी स्वामी गोपालाचार्य जी के साथ स्वामी निग्रहाचार्य के संस्मरण
श्रीमज्जगद्गुरु रामानुजाचार्य वेदान्तमार्त्तण्ड त्रिदण्डी स्वामिश्री गोपालाचार्य जी के चातुर्मास्य व्रत, गोह (औरंगाबाद, बिहार) में आयोजित कथा में पधारे निग्रहाचार्य श्रीभागवतानंद…
Nigrahacharya Shri Bhagavatananda Guru against burning of Shri Ramcharitmanas.
श्रीरामचरितमानस जलाने के विरुद्ध निग्रहाचार्य श्रीभागवतानंद गुरु का वक्तव्य | Speech of Nigrahacharya Shri Bhagavatananda Guru against burning of Shri…